अदाणी समूह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 2030 तक ₹2 लाख करोड़ का निवेश करेगा

अंकीयकरण IDOPRESS
Jun 26, 2024

समूह ने 2050 तक अपनी सभी कंपनियों में कार्बन उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है और नवीकरणीय ऊर्जा पर ज़ोर उसी दिशा में कदम है.

AGEL के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी ने कहा कि 50,000 मेगावॉट क्षमता का 80 प्रतिशत सौर और बाकी पवन ऊर्जा से आएगा...

अहमदाबाद:

अदाणी समूह 40,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता सृजित करने के लिए वर्ष 2030 तक लगभग ₹2 लाख करोड़ का निवेश करेगा. समूह ने 2050 तक अपनी सभी कंपनियों में कार्बन उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है और नवीकरणीय ऊर्जा पर ज़ोर उसी दिशा में कदम है.

विभिन्न कारोबार क्षेत्रों से जुड़े समूह की वर्तमान में सौर और पवन ऊर्जा समेत नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन की क्षमता 10,000 मेगावॉट से अधिक है. समूह 2030 तक 50,000 मेगावॉट क्षमता तक पहुंचने के लिए हर साल 6,000 से 7,000-मेगावॉट क्षमता जोड़ने पर ध्यान दे रहा है.

अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी ने संवाददाताओं से कहा,"प्रति मेगावॉट ₹5 करोड़ के हिसाब से निवेश 2030 तक ₹2 लाख करोड़ के दायरे में हो सकता है..."कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अमित सिंह ने कहा कि कंपनी रात के दौरान अधिकतम बिजली की मांग को ध्यान में रखते हुए 5,000 मेगावॉट क्षमता की पंप स्टोरेज क्षमता भी तैयार करेगी. इसका कारण रात में सूर्य की रोशनी उपलब्ध नहीं होती और हवा की तीव्रता इतनी नहीं होती है कि बिजली पैदा करने के लिए पवन चक्की को चालू किया जा सके. कार्बन क्रेडिट के साथ नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और कुछ अन्य उपायों के साथ,समूह को 2050 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने में मदद मिलेगी.

सिंह ने कहा कि अदाणी ग्रीन एनर्जी ने बीते वित्तवर्ष 2023-24 में 2,800 मेगावॉट क्षमता जोड़ी है. यह देश में साल के दौरान सृजित कुल उत्पादन क्षमता का 15 प्रतिशत है. उन्होंने कहा,"इस साल हमारा लक्ष्य 6,000 मेगावॉट है..."सागर अदाणी ने कहा कि आने वाले समय में हर साल इतनी या इससे ज्यादा क्षमता वृद्धि की संभावना है. कुल 50,000 मेगावॉट क्षमता का 80 प्रतिशत सौर और बाकी पवन ऊर्जा से आएगा. समूह सौर पैनल और पवन चक्की में उपयोग किए जाने वाले वेफर्स बनाने के लिए कारखाने भी लगा रहा है.

सिंह ने कहा कि समूह अब कम हवा की गति वाले क्षेत्रों के लिए 3 मेगावॉट की पवन चक्की बनाने पर विचार कर रहा है. समूह वर्तमान में 5.2 मेगावॉट क्षमता की पवन टर्बाइन बनाता है,जो गुजरात में खावड़ा जैसे उच्च क्षमता वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है.

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