भारत में सायबर सुरक्षा का भविष्य: Seqrite और DSCI ने लॉन्च की इंडिया सायबर थ्रेट रिपोर्ट 2023

साइबर सुरक्षा
Mar 15, 2024

इस रिपोर्ट में सायबर खतरों के भौगोलिक और क्षेत्रीय प्रभाव के व्यापक एनालिसिस के साथ पूरे वर्ष के दौरान निशाना बनाए गए शीर्ष राज्यों, शहरों और उद्योगों की विस्तृत जानकारी शामिल है.

इस रिपोर्ट में सायबर खतरों के भौगोलिक और क्षेत्रीय प्रभाव के व्यापक एनालिसिस के साथ पूरे वर्ष के दौरान निशाना बनाए गए शीर्ष राज्यों, शहरों और उद्योगों की विस्तृत जानकारी शामिल है.

सायबर सुरक्षा समाधान प्रदान करने वाली वैश्विक कंपनी, क्विक हील टेक्‍नोलॉजीज लिमिटेड की एंटरप्राइज यूनिट सेक्राइट (Seqrite) ने डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) के साथ नैस्कॉम-डीएससीआई एनुअल इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी समिट 2023 में इंडिया सायबर थ्रेट रिपोर्ट 2023 को जारी किया है. क्विक हील के सीईओ विशाल साल्वी, डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्रमोद भसीन और डीएससीआई के सीईओ विनायक गोडसे ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी के सचिव एस कृष्णन की मौजूदगी में इस रिपोर्ट को लॉन्च किया. यह संयुक्त रिपोर्ट विशेष रूप से भारतीय सायबर सुरक्षा इकोसिस्‍टम के लिए तैयार की गई अपनी तरह की पहली पहल है.

 

थ्रेट रिपोर्ट देश की सबसे बड़ी मैलवेयर विश्लेषण लैब, सेक्राइट लैब्स से प्राप्त गहन जानकारी का इस्तेमाल करते हुए तैयार की गई है, जो सेक्राइट और डीएससीआई के बीच साझेदारीपूर्ण प्रयास का परिणाम है. इसका उद्देश्य व्यवसायों को उनकी सायबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए भारत-केंद्रित जानकारी और उस पर की जाने वाली कार्रवाई योग्य सिफारिशों के साथ सशक्त बनाना है. यह रिपोर्ट सेक्राइट के शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के परिश्रम और समर्पण का प्रमाण है. उनके निरंतर प्रयासों ने लगभग 8.5 मिलियन एंडपॉइंट्स से प्रचुर मात्रा में डेटा, सांख्यिकी और टेलीमेट्री का इस्तेमाल कर भारतीय परिदृश्य में सायबर खतरों के गहन विश्लेषण को संकलित करने में सक्षम बनाया है.

 

इस रिपोर्ट में सायबर खतरों के भौगोलिक और क्षेत्रीय प्रभाव के व्यापक एनालिसिस के साथ पूरे वर्ष के दौरान निशाना बनाए गए शीर्ष राज्यों, शहरों और उद्योगों की विस्तृत जानकारी शामिल है. एंड्रॉइड के मामले में यह एडवेयर और संभावित रूप से अवांछित एप्लिकेशन (पीयूए) की संख्या में व्यापक वृद्धि के बारे में बताता है. चौंकाने वाली बात यह है कि गूगल प्ले स्टोर पर होस्ट किए गए फेक और खतरनाक एप्लिकेशन को लाखों यूजर्स ने डाउनलोड किया, जिनमें स्पाइलोन एप्स, फेक एप्स, हाईडएप्स समेत अन्य एप्स शामिल हैं.

 

इस रिपोर्ट को लॉन्च किए जाने को लेकर टिप्पणी करते हुए क्विक हील टेक्नोलॉजिज लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विशाल साल्वी ने कहा, "आज का सायबर परिदृश्य साझेदारी पूर्ण प्रयासों और नए समाधानों की मांग करता है. भारत की सबसे बड़ी मैलवेयर विश्लेषण प्रयोगशाला, सेक्राइट लैब्स की व्यापक शोध क्षमता और हमारी डोमेन विशेषज्ञता तीन दशकों तक विस्तृत है. यह पहली गहन भारत-केंद्रित थ्रेट रिपोर्ट न केवल ख़तरे के परिदृश्य के बारे में विस्तार से बताती है, बल्कि सायबर हमलों से एक कदम आगे रहने के लिए जरूरी उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करती है."

 

उन्होंने आगे कहा, "सेक्राइट में, हम मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (CISOs) और मुख्य सूचना अधिकारियों (CIOs) के समझ आने वाले चुनौतियों को समझते हैं. इसलिए, भारत के एकमात्र पूर्ण-स्टैक उद्यम साइबर सुरक्षा समाधान प्रदाता के रूप में, हम एकीकृत, मॉड्यूलर, स्केलेबल, संवेदनशील और आसानी से तैनात और संचालित समाधान मुहैया कराते हैं. हमारे देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के अभिभावक के तौर पर डिजिटल रीढ़ की रक्षा करना हमारे लिए सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं है; बल्कि यह उभरते खतरों के सामने इसकी मजबूती को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है. मैं सायबर सुरक्षा को और अधिक बेहतर बनाने और ईकोसिस्टम को बदलने के उनके सभी प्रयासों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए डीएससीआई और लैब्स के हमारे विशेषज्ञों को बधाई देता हूं. साथ मिलकर, हम सभी के लिए एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया बनाने के लिए एकजुट हैं.”

 

डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक गोडसे ने कहा, “साइबर खतरों की बहुमुखी प्रकृति और डेटा उल्लंघनों से होने वाले वित्तीय नुकसान के बढ़ते मामलों के कारण सायबर सुरक्षा रणनीतिक चिंता के रूप में उभकर सामने आया है. मैलवेयर एक महत्वपूर्ण खतरे के रूप में मौजूद है, क्योंकि सायबर क्राइम इंजीनियरिंग भिन्न तरह के हमले की पद्धतियों के साथ तेजी से जटिल होती जा रही है. इसके अतिरिक्त, रैंसमवेयर करने वाले लगातार अपने तरीकों के साथ विकसित हो रहे हैं और परिष्कृत तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जो मैलवेयर बनाम रैनसमवेयर घटना के अनुपात से स्पष्ट है. यह रिपोर्ट आगामी वर्ष के लिए भविष्यवाणियों के साथ भारतीय संदर्भ में वर्तमान खतरे के परिदृश्य की व्यापक समझ प्रदान करती है. मुझे आशा है कि यह डिजिटल परिदृश्य को सुरक्षा और मजबूती के साथ संचालित करने के लिए संगठनों और सायबर सुरक्षा नेताओं के लिए एक रणनीतिक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगा. मैं खतरे के परिदृश्य को व्यापक तरीके से सामने लाने के लिए हमारे साथ सहयोग करने के लिए पूरी सेक्राइट टीम का आभार व्यक्त करता हूं.”

अनुशंसा करना