Assembly bypolls Result: देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. वह इन 13 में से सिर्फ दो सीटें जीत सकी. दूसरी तरफ भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन (INDIA Alliance) 10 सीटें जीतने में कामयाब हुआ, एक सीट निर्दलीय के खाते में गई. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने बलबूते सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी थी. उसने एनडीए में शामिल दलों के साथ सरकार बनाई. इंडिया गठबंधन ने उसे इस चुनाव में कड़ी टक्कर दी. अब इन उपचुनावों में विपक्षी दलों की ताकत एक बार फिर उभरी. यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है.
विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने इंडिया गठबंधन में जोश भर दिया है और एनडीए को चिंता में डाल दिया है.
नई दिल्ली:
Assembly bypolls Result: देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. वह इन 13 में से सिर्फ दो सीटें जीत सकी. दूसरी तरफ भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन (INDIA Alliance) 10 सीटें जीतने में कामयाब हुआ,एक सीट निर्दलीय के खाते में गई. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने बलबूते सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी थी. उसने एनडीए में शामिल दलों के साथ सरकार बनाई. इंडिया गठबंधन ने उसे इस चुनाव में कड़ी टक्कर दी. अब इन उपचुनावों में विपक्षी दलों की ताकत एक बार फिर उभरी. यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है.
बंगाल,उत्तराखंड,बिहार,हिमाचल प्रदेश,पंजाब,तमिलनाडु और मध्यप्रदेश की 13 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए. इनमें से मध्यप्रदेश की अमरवाड़ा और हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट पर ही बीजेपी को जीत मिल सकी. कांग्रेस चार सीटों पर,टीएमसी चार सीटों पर,आम आदमी पार्टी एक सीट पर और डीएमके ने एक सीट पर विजयी हुई. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली.
विधानसभा उपचुनावों से एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के विधान परिषद (एमएलसी) के चुनाव के नतीजों ने एनडीए (महाराष्ट्र में महायुति) का हौसला बढ़ा दिया था. महाराष्ट्र विधान परिषद की कुल 11 सीटों के लिए हुए चुनाव में एनडीए के नौ उम्मीदवार जीते और महाविकास अघाड़ी (MVA) दो सीटें जीत सकी. लेकिन सात राज्यों की 13 सीटों के उपचुनावों के परिणामों ने एनडीए को जहां करारा झटका दिया वहीं इंडिया गठबंधन का हौसला बढ़ा दिया.
इस विधानसभा उपचुनाव में सबसे अधिक पश्चिम बंगाल में चार सीटों पर चुनाव हुए. इसमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की. रायगंज,बागदा,राणाघाट और मानिकतला सीट पर टीएमसी ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी. रायगंज विधानसभा सीट पर टीएमसी की कृष्णा कल्याणी ने बीजेपी के मानस कुमार घोष को 49 हजार अधिक मतों के अंतर से हरा दिया.
बागदा सीट पर टीएमसी की मधुपर्णा ठाकुर 33 हजार से अधिक मतों से जीतीं. राणाघाट सीट पर टीएमसी के मुकुट मणि ने बीजेपी के मनोज कुमार बिस्वास को लगभग 39 हजार वोटों से पराजित कर दिया. मानिकतला विधानसभा सीट पर टीएमसी की सुप्ती पांडे ने बीजेपी के कल्याण चौबे को 41 हजार से अधिक वोटों से पराजित कर दिया.
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उक्त तीनों सीटों पर पहले निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे. तीनों निर्दलीय विधायक देहरा के होशियार सिंह,हमीरपुर के आशीष शर्मा और नालागढ़ के केएल ठाकुर ने 22 मार्च को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था जिससे यह सीटें खाली हो गई थीं. इन तीनों विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था और बाद में यह तीनों बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने इन तीनों पूर्व विधायकों को चुनाव मैदान में उतारा था. इनमें से एक फिर से विधायक बनने में सफल हुए लेकिन दो को पराजय का सामना करना पड़ा. हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी,लेकिन विधानसभा चुनाव में नतीजे इससे उलट रहे. हमीरपुर सीट बीजेपी ने जीती लेकिन मतों का अंतर बहुत कम रहा.
मंगलौर सीट पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना को 400 से अधिक मतों से पराजित कर दिया. काजी निजामुद्दीन इस क्षेत्र से पूर्व में तीन बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. यह सीट पिछले साल अक्टूबर में बीएसपी विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के बाद खाली हो गई थी. मुस्लिम और दलित बहुल आबादी वाली मंगलौर सीट पर बीजेपी को कभी भी जीत नहीं मिल सकी है.
बीमा भारती के मार्च में जेडीयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हुई थीं जिससे यह सीट खाली हो गई थी. बीमा भारती लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से आरजेडी की उम्मीदवार थीं. इस चुनाव में उन्हें निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से पराजय मिली थी. हालांकि पप्पू यादव ने इस उपचुनाव में बीमा भारती को समर्थन दिया था जिससे यहां का मुकाबला दिलचस्प हो गया था. इस सीट पर जेडीयू की हार से एनडीए को झटका लगा है.
इसी साल के अंत में हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव होंगे. हरियाणा में पिछले चुनाव में 40 सीटें जीतने वाली बीजेपी अपनी सत्ता बरकरार रखना चाहती है. उधर महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में अनिश्चित बनी हुई है. भले ही एमएलसी चुनाव में एनडीए को अच्छी सफलता मिली है पर उसके लिए अगले विधानसभा चुनाव की राह आसान नहीं है.