बिहार : आरसीपी सिंह ने बनाई अपनी पार्टी, 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान

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Oct 31, 2024

पार्टी के झंडे की जानकारी देते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि पार्टी का झंडा आयताकार होगा और इसमें तीन रंग होंगे. सबसे ऊपर हरा रंग होगा, बीच में पीला रंग होगा और सबसे नीचे नीला होगा.

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने दीपावली के दिन यानी गुरुवार को अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी है. उन्होंने इस पार्टी का नाम 'आप सब की आवाज' रखा है. पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई पार्टी बनाने की घोषणा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दीपावली है और दीप जलाया जाता है.

यह दीप घरों को तो रोशन करता ही है,यह दीप आशा भी जगाता है. इसलिए,मैंने अपनी पार्टी का जो नाम रखा है,शॉर्ट में नाम ही आशा है. इसके फुल फॉर्म में पार्टी का नाम 'आप सब की आवाज' है.

तीन रंग का होगा पार्टी का झंडा

उन्होंने पार्टी के झंडे की जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी का झंडा आयताकार होगा और इसमें तीन रंग होंगे. सबसे ऊपर हरा रंग होगा,बीच में पीला रंग होगा और सबसे नीचे नीला होगा. बीच में जो पीला रंग है,उसी में जब चुनाव आयोग हमें चिन्ह देगा तो वह बीच में काले रंग में अंकित होगा.

पार्टी का संविधान होगा बाक़ी पार्टियों से अलग

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हमारी पार्टी का संविधान अन्य पार्टियों से अलग होगा. भारतीय संविधान के प्रति शपथ लेनी होती है,जो भारतीय संविधान की मूल भावना है देश की एकता,अखंडता है. संविधान में जितनी महत्वपूर्ण भावनाएं हैं,जो सिद्धांत हैं,उसे हम लोगों ने अपनी पार्टी के संविधान में शामिल किया है. 2025 का जो चुनाव होगा,उसमें हमारे साथी जो मजबूती से लड़ना चाहते हैं,वह चुनाव लड़ेंगे.

140 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है उनकी पार्टी

उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 140 सीट पर चुनाव लड़ने के लिए हम लोग तैयारी कर रहे हैं. बिहार में 2016 से शराबबंदी हुई है फिर भी आज-कल पूरे बिहार में लोग अलग-अलग तरह से नशा कर रहे हैं. शराबबंदी से सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान होता है.

आईएएस अधिकारी रह चुके हैं आरसीपी सिंह

बता दें कि आरसीपी सिंह आईएएस अधिकारी रहे हैं. उनका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी करीबी रिश्ता था. वह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री भी रहे. हालांकि,बाद में नीतीश कुमार से मनमुटाव के बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की थी. (इनपुट आईएएनएस से भी)