बिटकॉइन 2 साल बाद 57,000 डॉलर के पार:क्रिप्टोकरेंसी में 8% से ज्यादा की तेजी; इस साल अब तक 30% बढ़ा

बाज़ार
Feb 27, 2024

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने करीब 2 साल बाद पहली बार 57,000 डॉलर (करीब 47.25 लाख रुपए) के आंकड़े को पार किया है। इससे पहले डिजिटल करेंसी ने 2021 में 69,000 डॉलर के आंकड़े को पार किया था।

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने करीब 2 साल बाद पहली बार 57,000 डॉलर (करीब 47.25 लाख रुपए) के आंकड़े को पार किया है। इससे पहले डिजिटल करेंसी ने 2021 में 69,000 डॉलर के आंकड़े को पार किया था।

मंगलवार सुबह डिजिटल एसेट के शेयरों में तेजी देखने को मिली और यह बढ़कर 57,039 डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि बाद में इसमें कमी आई और 10:22 बजे यह 56,473 डॉलर पर कारोबार कर रहा था।

इस साल 30% बढ़ा बिटकॉइन का प्राइस
मंगलवार को एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड के जरिए निवेशकों की मांग के साथ-साथ माइक्रोस्ट्रेटजी इंक की खरीदारी के चलते यह तेजी देखी गई है। इस साल बिटकॉइन के प्राइस में 30% की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं, एक साल में इसके शेयर में पिछले एक साल 137.19% की बढ़ोतरी हुई है।

बिटकॉइन का शेयर आज यानी मंगलवार 27 फरवरी को सुबह 11 बजे 8.28% बढ़ोतरी के साथ 55,790.55 डॉलर पर कारोबार कर रहा है।

क्रिप्टो से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में रही तेजी
सोमवार को अमेरिका में क्रिप्टो से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी रही थी। माइक्रोस्ट्रेटजी में 16% की बढ़ोतरी देखी गई, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म कॉइनबेस ग्लोबल इंक में 17% और माइनर मैराथन डिजिटल होल्डिंग्स इंक में 22% की बढ़त देखी गई।

माइक्रोस्ट्रेटजी ने इस महीने 3000 से ज्यादा टोकन खरीदा
एंटरप्राइस सॉफ्टवेयर फर्म माइक्रोस्ट्रेटजी ने एक बयान में बताया कि इस महीने उसने 3000 से ज्यादा टोकन खरीदा है। अब कपंनी के पास करीब 10 बिलियन डॉलर (करीब 82,894 करोड़ रुपए) वैल्यू के बिटकॉइन हैं।

11 जनवरी को हुआ था 46,415 करोड़ का निवेश
11 जनवरी को ट्रेड के दौरान बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में करीब 5.6 बिलियन डॉलर (करीब 46,415 करोड़) का निवेश हुआ था। कॉइनगेको के मुताबिक, डिजिटल एसेट की कंबाइंड वैल्यू करीब 2.2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1.82 लाख करोड़ रुपए) है।

क्या है क्रिप्टो करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है। इसका इस्तेमाल गुड्स और सर्विसेज का पेमेंट करने के लिए किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क बेस्ड डिजिटल करेंसी है। इसे कंपनी या इंडिविजुअल कोई भी टोकन के रूप में जारी कर सकता है। इन टोकन्स का यूज जारी करने वाली कंपनी के गुड्स और सर्विसेज खरीदने के लिए ही होता है।

इसे किसी एक देश के करेंसी की तरह कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसका पूरा ऑपरेशन ऑनलाइन होता है, जिसके चलते इसमें उतार चढ़ावा होता रहता है। दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर रिलीज किया गया था। इसे बनाने वाली ग्रुप को सातोशी नाकामोतो के नाम से जाना जाता है।

भारत में अपनी रिस्क पर कर सकते हैं क्रिप्टो-ट्रेड
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को एक पेमेंट मीडियम को रूप में इस्तेमाल करने संबंधी कोई रेगुलेशन भारत में नहीं है। यानी भारत सरकार की कोई भी अथॉरिटी इसकी परमिशन नहीं देती है। यहां इससे जुड़ी किसी भी विवाद के लिए कोई नियम-कानून या गाइटलाइन नहीं है। इन्वेस्टर्स अपनी रिस्क पर इसमें ट्रेडिंग कर सकते हैं।

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बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) ने अपने पहले कारोबारी दिन 4.6 बिलियन डॉलर यानी करीब ₹38,218 करोड़ का कारोबार किया। 10 जनवरी को अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (US-SEC) से बिटकॉइन समेत 11 ETFs को मंजूरी मिली थी।

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