मछुआरों के लिए खुशखबरी, अगले 2 सालों में 50% तक बढ़ेगा भारत का सी फूड एक्सपोर्ट

बाज़ार
Apr 8, 2024

Sea Food Export: भारतीय मछुआरों के लिए खुशखबरी है। बता दे अगले 2 साल में सी फूड के एक्सपोर्ट में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। बात जब सी फूड (Sea Food) निर्यात की आती है, तो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा एक्पोर्ट करने वाले बड़े देशों में भारत का नाम भी आता है।

Sea Food Exportभारतीय मछुआरों के लिए खुशखबरी है। बता दे अगले 2 साल में सी फूड के एक्सपोर्ट में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। बात जब सी फूड (Sea Food) निर्यात की आती है, तो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा एक्पोर्ट करने वाले बड़े देशों में भारत का नाम भी आता है।

Highlights

  • मछुआरों के अच्छी खबर
  • 50% बढ़ेगा सी फूड एक्सपोर्ट
  • सी फूड सप्लाई में भारत का नाम शामिल

होते हैं दुनियाभर के सी फूड एक्पोर्ट

दुनिया भर में सी फूड (Sea Food) एक्पोर्ट करने वाले सबसे बड़े देशों में भारत का नाम भी शामिल है। भारत हर साल लगभग 8 बिलियन डॉलर तक सी फूड एक्पोर्ट करता है। हालांकि, अगले दो सालों में इस एक्पोर्ट में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोतरी होने वाली है। मनीकंट्रोल के मुताबिक, अगले दो साल में भारत अपने सी फूड एक्पोर्ट को 8 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर लगभग 12 बिलियन डॉलर करने वाला है।

अमेरिका के लिए सबसे बड़ा सप्लायर है भारत

इसके लिए अमेरिका और यूरोप सहित हाई एंड मार्केट्स पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। कॉमर्स मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि भारत अमेरिका के लिए सी फूड खासकर फ्रोजन Shrimp का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसका एक्सपोर्ट पिछले साल सालों में दोगुना होकर पिछले 2022-23 में 2.6 बिलियन डॉलर हो गया था।

Shrimp फार्मिंग

कॉमर्स मिनिस्ट्री के अनुसार, साल 2022-23 में भारत की ओर से जमे हुए Shrimp का टोटल एक्सपोर्ट 5.6 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया। अधिकारियों ने कहा कि सरकार एक्सपोर्ट्स के बीच अच्छे लेबर और माहौल के बारे में जागरूकता पैदा करते हुए वैल्यू एडिशन और हाई-एंड मार्केट्स में सप्लाई पर ध्यान देना चाहती है। जबकि दूसरे अधिकारी ने कहा कि Shrimp फार्मिंग लगभग 200,000 वर्कर्स खासकर आंध्र प्रदेश की महिलाओं के लिए एक बड़ा अवसर बनकर उभरा है। हालांकि, इस फाइनेंशियल ईयर में ग्लोबल डिमांड कमजोर रह सकती है।

इन देशों में बड़े मार्केट के रूप में उभरे

चीन, यूरोपीय यूनियन, साउथ ईस्ट एशिया, जापान और मीडिल ईस्ट देश भी गांव के तालाबों में पैदा हुए भारत के फ्रोजन Shrimp के लिए बड़े मार्केट के रूप में उभरे हैं। इसके साथ ही जमे हुए मछली, ऑक्टोपस और कटलफिश जैसे अन्य सी फूड की भी इंटरनेशनल मार्केट में काफी डिमांड है।

मानवाधिकार कानूनी समूह, शिकागो बेस्ड कॉर्पोरेट एकाउंटबिलिटी लैब की ओर से झींगा एक्पोर्टर्स की एक्सप्लोटेटिव लेबर प्रैक्टिसेस को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस पर अपनी बात रखते हुए अधिकारियों ने कहा कि इस आरोप का कोई भी आधार नहीं था। यह अमेरिका और अन्य देशों के साथ ट्रेड रायवलरी की वजह से था।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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