राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर जमकर हंगामा हुआ. जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
'आप लोग इस सदन के सदस्य होने के लायक नहीं हैं. आप अगर चेयर को इज्जत नहीं दे सकते हैं,तो इस सदन का सदस्य होने का अधिकार नहीं है आपको...'राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सभापति जगदीप धनखड़ की घेरेबंदी में जुटे विपक्ष पर उखड़ गए. उन्होंने विपक्षी सांसदों पर सभापति के अपमान आरोप लगाया. रिजिजू ने कहा कि वह नाम लेकर कह सकते हैं कि विपक्षी सांसद टीवी चैनलों और बाहर जाकर उप-राष्ट्रपति का नाम लेकर उनके बारे में बेमतलब की बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर अध्यक्ष के आसन का अपमान है. ऐसे सदस्यों को सदन में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. रिजिजू यहीं नहीं रुके और सोनिया गांधी और सोरोस के कनेक्शन का जिक्र भी किया. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह बात वह खुद से नहीं कह रहे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस तरह की रिपोर्टें छपी हैं. जिस समय रिजिजू यह कह रहे थे,उस वक्त सोनिया गांधी सदन में ही मौजूद थीं.
आज सोनिया गांधी जी और सोरोस के लिंक का नाम आ रहा है. हमने यह लिंक नहीं किया है. यह रिपोर्ट हमारा नहीं है. अंतरराष्ट्रीय जगत में,पूरी दुनिया में यह रिपोर्ट है. शर्म आना चाहिए आप लोगों को. देश के विरोध में काम करने वालों के साथ आप लोग तालमेल में रहते हैं. जो सोरोस बोलते हैं,आप लोग भी वही भाषा बोलते हैं.
संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध
संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है. इस सबके बीच विपक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. इस प्रस्ताव को विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा था. इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने सोरोस फाउंडेशन के इशारे पर एक के बाद एक संवैधानिक संस्थाओं पर सुनियोजित हमला करना शुरू किया है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,"राज्य सभा में उपराष्ट्रपति के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पीछे मुख्य कारण इंडिया गठबंधन में चल रही प्रतिस्पर्धा है. जहां एक पार्टी दूसरे से मुद्दे छीनने की कोशिश कर रही है. यह प्रतिस्पर्धा खासकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के प्रति अविश्वास के रूप में प्रकट हुई है. इसे छिपाने के लिए कांग्रेस का यह प्रयास है,जिसमें जाने-अनजाने में इंडिया गठबंधन के दल शामिल हो रहे हैं. यह तो तात्कालिक कारण था,लेकिन यदि दीर्घकालिक दृष्टि से देखें तो यह एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है.